Thursday, April 3, 2008

बारिश कि बूंदे ...

डामर के रास्तों पर भी बारिश कि बूंदे अपनी ताजगी छोड़ जाती है ... ठीक उसी तरह जिस तरह पथरीली हो चुकी जिंदगी पर खुशियों और प्यार कि बूंदों एक नई जिंदगी का अहसास दे जाती है ...

2 comments:

संदीप said...

तस्वीर अच्छी है, लेकिन बूंदें और सपष्ट दिखती तो बेहतर रहता, उन पर फोकस होना चाहिए था, फोकस पेड़ पर हो गया है, और वो भी उतना ताजा नहीं लग रहा, और बारिश की बूंदें बैकग्राउंड में चली गयी हैं..


हालांकि, बात तो आपने सही ही कही है, बारिश की बूंदें गिरते ही धरती महकने लगती है, नहीं तो उसकी महक दबी रहती है, बारिश में वह नवयौवना सी लगती है..

Ruchi said...

thanxx Sandeep for suggestion ... i ll keep this point in mind while taking next photos ...